नमस्कार भक्तों आज हम इस लेख में Rajan ji maharaj biography के बारे में बात करने वाले हैं। यानी हम उनके जीवन परिचय के बारे में जानने वाले हैं। आज सभी लोग उन्हें सुनना पसंद करते हैं। तो उनके बारे में आपको सही जानकारी भी होनी चाहिए। जैसे उनका जन्म कब हुआ था?, वह पहले क्या करते थे? और भी कई ऐसी जानकारियो जिनके के बारे में आज हम चर्चा करेंगे, तो आइए शुरू करते हैं।
Rajan ji Maharaj Biography
भक्त राजन जी महाराज की कथाएं सुनकर लोग उनकी कथाओं में ही खो जाते हैं। वह इतने प्यार से और इतने स्पष्ट तरीके से बयां करते हैं। कि जो भी उनकी कथाएं एक बार सुन लेता है। वह उनका मुरीद बन के रह जाता है। और वही अगर हम बात करें। राजन जी महाराज के जन्म के बारे में तो उनका जन्म वेस्ट बंगाल कोलकाता में हुआ था। जिस परिवार में उनका जन्म हुआ था।
वह ब्राह्मणों का परिवार था और ज्यादातर लोग महाराजा जी को Rajan ji maharaj के नाम से जानते हैं। लेकिन हम आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि उनका पूरा नाम श्री राजन तिवारी हैं। ब्राह्मण परिवार में जन्म होने से उनके संस्कार शुरू से ही बड़े अच्छे रहे हैं। वह बचपन में भी बड़े कोमल स्वभाव के हुआ करते थे।
असली नाम | राजन तिवारी |
छोटा नाम | राजन जी |
जन्म तारिक | ज्ञात नही |
जन्म स्थान | पश्चिम बंगाल कोलकाता |
पेशा | कथा वाचक |
राष्ट | भारत |
Rajan Ji Maharaj Katha Fees
काफी लोग इंटरनेट पर यह सर्च कर रहे हैं। कि राजन जी महाराज कथा की कितनी फीस लेते हैं। हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं। कि हमने इंटरनेट पर काफी छानबीन की है। लेकिन हमें सही जानकारी नहीं मिल पाई। कि वह कथा करने की कितनी फीस लेते हैं। लेकिन यह जरूर जानकारी मिली है। कि वह एक कथा करने के लिए लाखों रुपए लेते है।
Rajan ji Maharaj Education
वही अगर इनकी शिक्षा की बात करें। तो इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वेस्ट बंगाल के कोलकाता में एक छोटे से सरकारी स्कूल से की है। और शुरू से ही ये पढ़ाई में रुची लेकर पढ़ा करते थे। अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कोलकाता शहर के एक कॉलेज में दाखिला लिया। जहां से उन्होंने केमिस्ट्री सब्जेक्ट से बीएससी (BSc Chemistry) की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने कोलकाता शहर में एक छोटी सी जॉब करना शुरू कर दिया। हालांकि उन्होंने इस जॉब को कुछ समय बाद छोड़ दिया था।
Rajan ji Maharaj History
Rajan ji maharaj अपने बचपन से ही भूषण जी महाराज की कथाएं सुनते आ रहे थे। फिर उन्होंने फैसला किया कि वह भी गुरु महाराज जी के चरणों में रहेंगे। जिसके बाद 2003 में वह भूषण महाराज जी के पास रहने चले गए। और तब से उन्होंने भूषण महाराज जी को अपना गुरु बना लिया। भूषण महाराज जी के साथ रहते रहते हैं। rajan ji maharaj भी धीरे-धीरे कथाएं करने लग गए थे। और वह आज भी इसका श्रेय भूषण महाराज जी को देते हैं।
Rajan Ji Maharaj Biography in Hindi
फिर 2011 में उन्होंने खुद कथाएं करनी शुरू कर दी। शुरू में तो लोगों ने उनकी कथाओं में ज्यादा रुची नहीं दिखाई।लेकिन धीरे-धीरे उनकी आवाज में मिठास भर गई और लोग उन्हें तब ज्यादा चाहने लगे। जब उनका सीता राम भजन काफी लोकप्रिय हो रहा था। जिसके बाद से उन्होंने अपने तन मन से सीता राम की कथाएं करनी शुरू कर दी और आज उन्हें लोग तन मन से ही सुनते हैं। और लोगों को उनकी कथाएं सुनकर संतुष्टि मिलती है।
और वह अक्सर ही अपने भक्तों से कहते हैं। कि आपको रामायण टीवी या किसी और माध्यम से सुन भी नहीं चाहिए। बल्कि उसे तन मन से पढ़ना चाहिए और उसको अपने जीवन में उतारना चाहिए और आज के टाइम में उनकी कथाएं बुजुर्ग लोग ही नहीं बल्कि युवा लोग भी सुनना पसंद करते हैं।
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निष्कर्ष
दोस्तों हमने Rajan ji maharaj biography और history के बारे में जाना है। और इतना ही नहीं हमने Rajan Ji Maharaj Katha Fees के बारे में भी चर्चा करी है। हमने आपको काफी विस्तार से समझाने की कोशिश करिए। हम उम्मीद करते हैं। कि यह जानकारी आप लोगों को समझ आई होगी और अगर आपका कोई सवाल रह गया है। तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं। हम आपका रिप्लाई अवश्य करेंगे।
इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।